ज्योतिष में, मंगल, जिसे मंगल के नाम से भी जाना जाता है, को शक्ति, ताकत, साहस और आक्रामकता का ग्रह माना जाता है। इसे एक क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है और इसका संबंध लाल रंग से है। मंगल हिंदू धर्म में भी एक देवता है और अक्सर इसे चार भुजाओं वाले एक सुंदर युवक के रूप में दर्शाया जाता है, जिसके हाथ में त्रिशूल और गदा होती है। विवाह के संदर्भ में, मंगल की स्थिति को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह जुनून, पति और वैवाहिक बंधन का प्रतीक है। मंगल के कुछ घरों जैसे कि 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होने से मांगलिक दोष उत्पन्न होता है, जो विवाह में देरी और विवाहित जीवन में असंतोष का कारण बन सकता है। मांगलिक कुंडली वाले लोगों को विवाह से पहले उज्जैन में एक विशिष्ट मंगल दोष पूजा करने की सलाह दी जाती है।
मंगल दोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण होने वाला दोष माना गया है। इसे मंगली दोष या कुज दोष भी कहते हैं। यह दोष वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कुंडली में मंगल दोष होने पर उचित पूजा-अर्चना और उपाय करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मंगल दोष के लक्षण
मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
वैवाहिक जीवन में अस्थिरता या देरी।
बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
आर्थिक नुकसान और करियर में रुकावट।
मानसिक अशांति और तनाव।
मंगल दोष पूजा का महत्व
उज्जैन, ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह भगवान महाकाल की नगरी है, जहां अनेक विशेष प्रकार की पूजाएं की जाती हैं। मंगल दोष पूजा का उद्देश्य व्यक्ति के जीवन से अशुभ प्रभाव को दूर करना और सुख-शांति लाना है।
यह पूजा विशेष रूप से मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। इस पूजा से:
वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बढ़ता है।
स्वास्थ्य और करियर में सुधार होता है।
आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
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मंगल दोष पूजा उज्जैन में क्यों कराएं?
उज्जैन, जिसे भगवान महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत पवित्र है। मंगल दोष पूजा उज्जैन में कराने के निम्नलिखित लाभ हैं:
मंगलनाथ मंदिर का विशेष महत्व:
मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का अधिष्ठान स्थान माना गया है। यहां विशेष अनुष्ठान और पूजा से व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह के दोष का प्रभाव कम होता है।
योग्य पंडित और विशेषज्ञ:
उज्जैन में अनुभवी पंडित और ज्योतिषी मौजूद हैं, जो आपकी कुंडली का सही विश्लेषण कर उचित पूजा विधि से अनुष्ठान संपन्न करते हैं।
धार्मिक माहौल और पवित्रता:
उज्जैन का आध्यात्मिक वातावरण और मंगलनाथ मंदिर की पवित्रता पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देती है। यहां पूजा करने से शुभ फल शीघ्र प्राप्त होते हैं।
मंगल दोष पूजा की विधिमंगल दोष पूजा के दौरान निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाता है:– गणपति पूजन: पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना से की जाती है।– मंगल ग्रह का आह्वान: विशेष मंत्रों के माध्यम से मंगल ग्रह को प्रसन्न किया जाता है।– मंगल यंत्र की स्थापना: यंत्र की स्थापना से दोष का प्रभाव कम होता है।– होम और हवन: पूजा के अंत में हवन कर मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त की जाती है।– दान: पूजा के बाद वस्त्र, अनाज, और अन्य सामग्री का दान किया जाता है।
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